Friday 13 October 2017

प्लेन का रंग सफेद ही क्यों होता है, जानिए


हवाई जहाज में सफर करना हर किसी का सपना होता है उस में बैठकर हजारों फ़ीट ऊपर हवा से नीचे देखने का मजा ही कुछ और है। लेकिन इन सबके बीच क्या कभी आपने इस बात पर गौर किया है कि अधिकतर हवाई जहाजों का रंग सफेद क्यों होता है। कुछ रंग बिरंगे हवाई जहाज जरूर देखने को मिलते हैं लेकिन उनका बेस कलर सफेद क्यों होता है तो चलिए आज हम आपको इसके कारण बताते हैं। सुरक्षा कारणों से हवाई जहाज की देखरेख करना और उस की बॉडी को बिल्कुल फिट रखना बेहद जरुरी है सफेद रंग के हवाई जहाज का पता लगाना काफी आसान होता है। और इससे प्लेन क्रैश होने से बचाने में मदद मिलती है। सफेद रंग गर्मी को दूसरे रंगों की तुलना में दूर रखता है और ऐसे में हवाई जहाज ठंडा रखने में यह काफी मददगार साबित होता है।
हवाई जहाज को पेंट करने में करीब तीन लाख से एक करोड़ रुपए तक का खर्च आता है और कोई भी कंपनी एक प्लेन की पेंटिंग मे इतना खर्च नहीं चाहती। साथ ही एक प्लेन को पेंट करने में 3 से 4 हफ्ते का वक्त लगता है ऐसे में कंपनियां काफी नुकसान उठा सकती है। इसीलिए सफेद रंग को चुना गया क्योंकि यह इन सभी मुश्किलों को आसान हाल है।
धूप में खड़े होने की वजह से कोई भी दूसरा रंग धीरे धीरे हल्का होने लग जाता है। लेकिन सफेद रंग के साथ ऐसी समस्या नहीं होती इसी कारण कंपनियां हवाई जहाज को सफेद रंग का रखने में ही सहमति जताती है। अक्सर कंपनियां जहाज खरीदती और बेचती रहती है ऐसे में कंपनियों का नाम बदलना या उन पर अपने हिसाब से बदलाव कराना सफेद रंग के कारण काफी आसान हो जाता है। ज्यादातर कंपनियों के पास खुद के हवाई जहाज नहीं होते वह उन्हें लीज पर लेती है ऐसे में उन्हें सफेद ही रखना होता है। कारण साफ है कि सफेद रंग के हवाई जहाजों पर कंपनी का नाम लिखना आसान होता है साथ ही बेचने और खरीदने पर रंग को नहीं बदलना पड़ता। किसी और रंग का उपयोग करने से प्लेन का वजन बढ़ जाता है इस कारण पेट्रोल की खपत भी ज्यादा होती है सफेद रंग की वजह से पेट्रोल की खपत और उड़ान कंपनियों के खर्च में कमी आती है।

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